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बिहार के चुनाव में विकास की जीत हुई है। एक पार्टी ने इस निष्कर्ष को गलत समझ लिया है। उसने निकट भविष्य में संभावित चुनाव के लिए योग्य उम्मीदवारों की तलाश में अपने पर्यवेक्षक प्रदेश के कोने-कोने में दौड़ा दिए है, इस फरमान के साथ कि जहां कहीं विकास नाम के लोग मिलें, उन्हें अपनी पार्टी का सदस्य बनाएं। धनी-बली और समर्थ विकास को प्राथमिकता दें, बचे-खुचे फटीचर किस्म के विकासों को रिजर्व कैटेगरी में रखें। हमारा अभियान इतनी सफाई से और तीव्र गति से चले कि बाकी दलों के लिए छंटे हुए विकास ही बचें। पार्टी ने यह हिदायत भी दी कि इसके साथ ही पर्यवेक्षक यह कोशिश भी करें कि हमें हर जाति से कुछ न कुछ विकास मिले, ताकि विपक्षी हम पर यह आरोप न लगा सकें कि हम कुछ जातियों के विकास पर ही ध्यान दे रहे है। हमारे घोषणापत्र में साफ-साफ कहा भी जाएगा कि पार्टी किसी जाति विशेष को तरजीह नहीं देती, हर जाति का विकास ही हमारा संकल्प है। पार्टी का मुख्य नारा है-होगा सबका नाश-जीतेगा विकास। मतदाता छलावे में न आया तो यहां भी विकास की जीत होगी।
आलाकमान ने यह हिदायत भी दी है कि राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं रखने वाले कुछ शातिर किस्म के लोगों ने पार्टी का टिकट झटकने के लिए अपने नाम बदलने शुरू कर दिए है या …उर्फ विकास जैसे उपनाम या तखल्लुस रख रहे हैं। हमें फरेबी विकास से सतर्क रहना है और वास्तविक विकासों का ही चयन करना है। विकास के नाम पर कोई पार्टी की आंखों में धूल न झोंक सके।
आलाकमान का साफ मानना है कि अब चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने रहस्योद्घाटन कर ही दिया है कि यूपी के हाईकोर्ट में बहुत भाई-भतीजावाद है, लिहाजा अब भाई-भतीजावाद को विधिसम्मत माना जा सकता है। परिवारवाद और भाई-भतीजावाद में गहरी आस्था रखने वाली अपनी इस पुरातन-पारिवारिक पार्टी को अब इस मुद्दे पर शर्मिंदा होने की कतई जरूरत नहीं है। जब हाईकोर्ट नहीं हो रहा है तो हम ही क्यों हों।
जगजाहिर है कि हमारी पार्टी ही हमारा परिवार है और परिवार ही हमारी पार्टी है। हमारी तरक्की की एक बड़ी वजह यही भावना है। लिहाजा हमारा प्रथम प्रयास ये हो कि विकास हमारे घर का हो, ताकि विकास की संभावनाओं को पर लग सकें। पार्टी ने विकास केंद्रित नारे लिखवाने भी शुरू कर दिए है-होगा सबका नाश-जीतेगा विकास।
पार्टी के दूरदृष्टि प्रकोष्ठ ने यह सुझाव भी दिया है कि चुनाव जीतने पर किसी एक विकास को मंत्री भी बनाया जाए ताकि सूबे में जहां कहीं से यह शिकायत आए कि फलानी जगह के लोग विकास देखने को तरस गए, वहां झट से मंत्री विकास को भेज दिया जाए।
पर्यवेक्षकों ने आलाकमान को भेजी अपनी ताजा रिपोर्ट में यह चिंता जताई है कि विरोधियों की साजिश के चलते लोग भ्रमित हो रहे है। वे विकास के बारे में बात करने पर इसका मतलब डेवलपमेंट समझने लगते है। रिपोर्ट में पार्टी के स्तर पर मतदाता जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत पर जोर दिया गया है।
-विजय त्रिपाठी
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