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टैक्स…..वो भी पुलिसवालों से

vidushak
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इस साल पुलिसवालों के साथ आयकर विभागवालों ने बड़ी ज्यादती की है, उनसे बेतहाशा इनकम टैक्स वसूलने का अपराध किया गया है। पुलिसवालों की ऊपरी कमाई में उतना उछाल नहीं आया जितना कि उनके इनकम टैक्स में आ गया। अब बेचारे हिसाब-किताब में कमजोर पुलिसवाले मरते क्या न करते, चुका दिया जितना बताया गया। इन दिनों तो दबंग से दबंग पुलिसवाला भी आयकर वालों से सहमा हुआ है, ए. राजा से लेकर रतन टाटा तक की जो दुर्गति हो रखी है, उससे हर अपडेट पुलिसवाला आयकर वालों को तो दबंगई दिखाने से रहा। वेतन जैसी घिसीपिटी सरकारी सुविधा में यकीन न रखने वाले तमाम पुलिसवालों को भी आयकर चुकाते वक्त इस तथ्य की जानकारी हो गई है कि उनका वास्तविक वेतन क्या है।
नया वेतन आयोग क्या लागू हुआ, पुलिसवालों को 40 प्रतिशत एरियर थमा दिया गया। 20 फीसदी नकद तो बाकी प्रोविडेंट फंड में। एक डीआईजी साहब का खुद का इस साल का आयकर 1,35,130 रुपया बन गया। अब इसके लिए तो कोई स्पांसर भी नहीं जुगाड़ा जा सकता। अकेले मेरठ पुलिस की ओर से इस बार आयकर के रूप में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को 2.12 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जो पिछले साल की तुलना में लगभग दो गुना है। इस बार अचानक हुई टैक्स की मार के बाद कुछ पुलिसकर्मी आगे की प्लानिंग में जुट गये हैं। सुनने में आया है कि पुलिस महकमा नए वेतन आयोग के परिप्रेक्ष्य में ही अपना वसूली चार्ट रिवाइज करने में जुट गया है।
उगाही की कुछ मदों पर सरचार्ज लगाया जा सकता है और आय के नए Fोत भी तलाशे जा रहे हैं। इसके लिए अंडरव‌र्ल्ड के लिए काम करने वाले विधि और राजस्व विशेषज्ञों की साभार सेवाएं लेने पर भी मगजमारी की जा रही हैं। रहा सवाल इनकम टैक्सर् वालों का तो उनसे भी निपटा जाएगा, उनके यहां भी किसी न किसी कानून की धारा की मदद से छापे आदि मारकर उन पर दबाव बनाया जाएगा।
इस मामले में दिल्ली पुलिस वाकई स्मार्ट है, दूरदृष्टि रखती है। उसने आयकर के रूप में आने वाले संकट से निपटने की पहले से ही तैयारी कर अतिरिक्त राजस्व उगाही का जुगाड़ निकाल लिया था। सहारा लिया दिल्ली में बढ़ते अपराधों के चलते बाइक वालों की विशेष छानबीन के एक्शन प्लान का।
बाइक वालों से इनकम सर्टिफिकेट दिखाने को कहा जायेगा। उत्ते पैसों में इत्ती अच्छी बाइक कैसे आयी, टाइप सवाल पूछे जायेंगे और रास्ता निकल आएगा ऊपरी कमाई का।
बैंक कार लोन देने पर आमादा हैं। इस काम में पुलिस की मदद ली जा सकती है, पुलिस आफीसर बाइक वाले का इनकम सर्टिफिकेट देखकर सजेस्ट कर सकते हैं कि अबे पचास हजार की इनकम है, तो फिर बाइक पर क्यों चलता है, कार लोन ले ले, वहां बैठा है धांसू-फांसू बैंक का एजेंट। ला बे, दे इसे कार लोन। चिंता ना कर, वापस नहीं किया, तो कार का डकैती में इस्तेमाल का केस लगाकर अंदर कर दूंगा।
बस देखते रहिए अगले साल पुलिसवाले कैसे खुशी-खुशी इनकम टैक्स चुकाते हैं।

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